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जैविक और रासायनिक खाद तथा खाद एवं उर्वरक में अंतर

जैविक और रासायनिक खाद तथा खाद एवं उर्वरक में अंतर

जैविक और रासायनिक खाद तथा खाद एवं उर्वरक में अंतर

खाद (Manure )  या जैविक खाद (Biological manure)

  • वे  खाद जीव जंतु  के  मृत शरीर , घास , पत्ते, गोबर व अन्य कूड़ा कचरा कभी जीवित पेड़ पौधों के शरीर के रूप में थे, उनके सड़े गले अंश को ही  जैविक खाद कहते हैं।
  • जिस प्रकार प्राणियों के विकास व पोषण के लिये खाद्य सामग्री की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार वनस्पति जगत के लिए खाद्य सामग्री की आवश्यकता होती है, जिसे खाद कहते हैं।
  • खाद प्राकृतिक सामग्री है, जो खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है. इसमें मौजूद कार्बनिक पदार्थों की ज्यादा मात्रा मिट्टी की सरंचना में काफी हद तक सुधार करने में सहायक होती हैं |इसको बनाने में जैविक कचरे का इस्तेमाल किया जाता है|

जैविक खाद की विशेषताए –

  • इसमें कार्बनिक पदार्थों की मात्रा काफी अधिक पाई जाती हैं |
  • यह पादप पोषक तत्वों से पूरी तरह से भरपूर होता है |
  • इसे खेतों में आसानी से तैयार किया जा सकता है |
  • पौधों और जानवरों के अपघटन द्वारा प्राप्त प्राकृतिक पदार्थ बैक्टीरिया द्वारा रहता है |
  • ये मिट्टी को पूरी तरह ह्यूमस प्रदान करता है |
  • यह पौधों द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित होता है |
  • खाद मिट्टी को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाता. इसके साथ ही ये लंबे समय तक मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करता है|
  • उदाहरण : हरी खाद |

खाद- यह निम्न प्रकार की होती है-

  • गोबर खाद (Animal manures)
  • कम्पोस्ट खाद (Compost)
  • हरी खाद (Plant manures)

रासायनिक खाद (Chemical manure) या उर्वरक(Fertilizer)-

  • उर्वरक (Fertilizers) कृषि में उपज बढ़ाने के लिए प्रयुक्त रसायन हैं जो पेड-पौधों की वृद्धि में सहायता के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। पानी में शीघ्र घुलने वाले ये रसायन मिट्टी में या पत्तियों पर छिड़काव करके प्रयुक्त किये जाते हैं। पौधे मिट्टी से जड़ों द्वारा एवं ऊपरी छिड़काव करने पर पत्तियों द्वारा उर्वरकों को अवशोषित कर लेते हैं।
  • उर्वरक, पौधों के लिये आवश्यक तत्वों की तत्काल पूर्ति के साधन हैं लेकिन इनके प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम भी हैं। ये लंबे समय तक मिट्टी में बने नहीं रहते हैं। सिंचाई के बाद जल के साथ ये रसायन जमीन के नीचे भौम जलस्तर तक पहुँचकर उसे दूषित करते हैं।
  • भारत में रासायनिक खाद का सर्वाधिक प्रयोग पंजाब में होता है।
  • इसमें पौधों के कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है जैसे- नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम आदि|
  • जिससे पौधों की अच्छी वृद्धि होती हैं. और इससे स्वस्थ पौधों की प्राप्ति होती हैं|

रासायनिक उर्वरक की  विशेषताए :

  • मानव द्वारा निर्मित अकार्बनिक पदार्थ है. इसका उपयोग मिट्टी में उर्वरता में सुधार लाने और उत्पादकता में बढ़ोतरी लाने के लिए किया जाता है
  • यह कारखानों में तैयार किया जाता है.
  • यह मिट्टी को ह्यूमस प्रदान नहीं करता है
  • इसमें पौधों के पोषक तत्व मौजूद होते है जैसे – नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम आदि.
  • इसके परिणाम प्रयोग के कुछ समय बाद ही देखने को मिल जाते है|
  • यह पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाता है|
  • यह थोड़े महंगे होते है |
  • उदाहरण: यूरिया आदि |

उर्वरकों का वर्गीकरण- उर्वरकों में उपस्थित पोषक तत्वों (N, P K इत्यादि) की प्रकृति के अनुसार उर्वरकों को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है –

  • नाइट्रोजनी उर्वरक (Nitrogenous Fertilizers): –इस प्रकार के उर्वरक मृदा में नाइट्रोजन नाइट्रेट , एमाइड ,एवं अमोनियम के रूप में पाई जाती है उदाहरण- अमोनियम सल्फेट, कैल्सियम अमोनियम नाइट्रेट, भास्मिक कैल्सियम नाइट्रेट, कैल्सियम सायनामाइड (नाइट्रोलिम), यूरिया इत्यादि।
  • फॉस्फेटिक उर्वरक (Phosophatic Fertilizers):- इस प्रकार के उर्वरक मृदा में फॉस्फोरस की कमी को पूरा करते हैं । उदाहरण- सुपर फॉस्फेट ऑफ लाइम, ट्रिपल सुपर फॉस्फेट, फॉस्फेटी धातुमल इत्यादि।
  • पोटाश उर्वरक (Potash Fertilizers): -इस प्रकार के उर्वरक मृदा में पोटैशियम की कमी को पूरा करते हैं। उदाहरण-पोटैशियम क्लोराइड, पोटैशियम नाइट्रेट, पोटैशियम सल्फेट इत्यादि।
  • नाइट्रोजन फॉस्फोरस उर्वरक (NP Fertilizers): इस प्रकार के उर्वरक मृदा में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस की कमी को पूरा करते हैं। नाइट्रोजनी तथा फॉस्फेटी उर्वरकों को उचित अनुपात में मिश्रित कर इन्हें बनया जाता है। उदाहरण- डाइहाइड्रोजन अमोनिएटेड फॉस्फेट, कैल्सियम सुपर फॉस्फेट नाइट्रेट, अमानिएटेड फॉस्फेट सल्फेट इत्यादि।
  • पूर्ण उर्वरक (Complete Fertilizers):-इस प्रकार के उर्वरक मृदा के लिए आवश्यक तीनों पोषक तत्वों (N, P और K) की कमी को पूरा करते हैं। इन्हें नाइट्रोजनी, फॉस्फेटी और पोटाश तीनों प्रकार के उर्वरकों की परस्पर उचित अनुपात में मिश्रित कर बनाया जाता है।

 खाद एवं उर्वरक में अंतर

अन्तर का  आधार खाद उर्वरक
अर्थ  खाद  घास , पत्ते, गोबर व अन्य कूड़ा कचरा कभी जीवित पेड़ पौधों के शरीर के रूप में थे, उनके सड़े गले अंश को कहते है | उर्वरक मानव निर्मित या प्राकृतिक पदार्थ है, उर्वरक कृषि में उपज बढ़ाने के लिए प्रयुक्त रसायन हैं जो पेड-पौधों की वृद्धि में सहायता के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
तैयारी इसे खेतों में आसानी से तैयार किया जा सकता है इसे कारखानों में तैयार किया जा सकता है
पोषक तत्त्व पौधे पोषक तत्वों में तुलनात्मक रूप से कम समृद्ध। पौधे पोषक तत्वों में अमीर।
अवशोषण यह पौधों द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित होता है यह पौधों द्वारा जल्दी आसानी से अवशोषित हो जाता है
लागत यह आर्थिक है यह खाद से महंगे होते है
दुष्प्रभाव कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यह मिट्टी में मौजूद जीवित जीव को नुकसान पहुंचाता है।
उदाहरण हरी खाद यूरिया

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