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विटामिन की कमी से होने वाला रोग एवम् उनके स्रोत

विटामिन की कमी से होने वाला रोग एवम् उनके स्रोत

विटामिन की कमी से होने वाला रोग एवम् उनके स्रोत (Vitamin deficiency disease and their sources)

विटामिन – 
यह एक प्रकार का कार्बनिक यौगिक है इनमे कोई कैलोरी नही प्राप्त होती , परन्तु ये शरीर के उपापचय में रासायनिक प्रतिक्रियाओ के नियम के लिए अत्यंत आवश्यक है इसे रक्षात्मक पदार्थ भी कहा जाता है
विटामिन के प्रकार –
घुलनशीलता के आधार पर विटामिन दो प्रकार के होते है –

  • जल में घुलनशील विटामिन, जैसे- विटामिन ‘B’, ‘C’।
  • वसा में घुलनशील विटामिन, जैसे- विटामिन ‘A’, ‘D’, ‘K’ आदि।

विटामिन की खोज –
विटामिन की खोज एफ.जी. हाफकिन्स ने की थी, परन्तु इसे विटामिन का नाम फन्क ने सन 1911 ई 0 में दिया। विटामिन कार्बनिक यौगिक है, जो शरीर के विकास एवं रोगों से रक्षा के लिए आवश्यक है। ये ऊतकों में एन्जाइम का निर्माण करते है

  • विटामिन B12 में कोबाल्ट पाया जाता है
  • विटामिन  D  का संश्लेष्ण सूर्य के प्रकाश में उपस्थित पराबैगनी किरणों द्वारा त्वचा के कोलेस्ट्रोल द्वारा होता है

विटामिन के रासायनिक नाम व स्त्रोत व उनकी कमी से होने वाले रोग

क्रमांक विटामिन का नाम रासायनिक नाम स्त्रोत विटामिन की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग व लक्षण
1. विटामिन ‘ए’ रेटिनॉल अंडा, पनीर, हरी सब्जी, दूध, मछली का तेल रतौंधी, त्वचा का शुष्क पड़ जाना
2. विटामिन ‘बी’1 थाइमीन अनाज के छिलके, दाल, तिल, सब्जियां बेरी-बेरी, भूख न लगना
3. विटामिन ‘बी’ 2 राइबोफ्लेविन दूध, हरी सब्जियां, खमीर, मांस जीभ में सूजन,मुख की त्वचा और होठों का फटना तथा आंखों का लाल हो जाना
4. विटामिन ‘बी’3 निकोटिनैमाइड या नियासिन मांस, हरी सब्जी, दूध, अंडे,गन्ना, टमाटर बाल सफेद होना, मंदबुद्धि
5. विटामिन ‘बी’ 5 पेंटोंथेनीक अम्ल आलू टमाटर मूंगफली, पत्ति वाली सब्जियां त्वचा का सूख जाना, डायरिया, मानसिक असंतुलन
6. विटामिन ‘बी’6 पायरीडॉक्सिन दूध, कलेजी, हरी सब्जियां एनीमिया, वृद्धि कम होना, चिड़चिड़ापन,  त्वचा संबंधी समस्याएं, शिशु के शरीर में ऐंठन
7. विटामिन ‘बी’ 7 निकोटिनिक अम्ल दूध, मांस, यकृत, अंडा पैलाग्रा
8. विटामिन ‘बी’12 साइनोकोबालामिन यकृत, मांस, दूध अरक्तता (एनीमिया) पांडूरोग
9. विटामिन ‘सी’ एस्कार्बिक अम्ल टमाटर, संतरा, खट्टे पदार्थ, मिर्च,  अंकुरित अनाज, आलू स्कर्वी रोग, हड्डियों का कम विकास, घावों का देर से भरना, मसूड़ों से खून बहना
10. विटामिन ‘डी’ कैल्सिफेरॉल मक्खन, मांस-मछली, यकृत, अंडे की जर्दी, सूर्य का प्रकाश रिकेट्स, अस्थियों की कोमलता तथा टेढ़ापन, दांतों का विकास न होना, दंतक्षय
11. विटामिन ‘ई’ टोकोकोफेरॉल दूध मक्खन हरी सब्जियां तेल कलेजी आदि बांझपन, एनीमिया
12. विटामिन ‘के’ फिलोक्विनोन टमाटर हरी सब्जियां रक्त स्कंदन( रक्त का थक्का न बनना)

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